साहित्यिक चोरी एक क़ानूनी अपराध है UGC स्वीकृत केवल 10 प्रतिशत समानता की छूट दी गई है। इससे अधिक होने पर पंजीकरण निलंबित भी हो सकता है।

भारत में लगभग सभी विश्वविद्यालय UGC से स्वीकृत हैं। यह संगठन विश्व भर में प्रचलित है। इसी कारण सभी विद्यार्थी इसे स्वीकृति विश्वविद्यालयों को पोस्ट ग्रैजुएशन के लिए सकते हैं। ताकि वह एक अच्छे कार्य का प्रतिनिधित्व कर उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके। जैसे हर संस्था/ संगठन के अपने नियम क़ानून होते हैं। उसी तरह UGC भी छात्रों के लिए नियम और विनियम बनाता है उसी के अनुसार छात्रों को अपने थीसिस में बातों का पालन करना होता है। लेख सही तरीक़े से स्पष्ट होना चाहिए, निश्चित रूप से प्रतिपादित वह समझाया गया हो, और UGC द्वारा दिए गए प्रारूप के अनुसार संरचित हो। यह सभी बातें विश्वास दिलाएगी कि उनकी थीसिस स्वीकृति या योग्य होगी।

इन सभी बातों में साहित्यिक चोरी की घटना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। UGC क़तई बर्दाश्त नहीं करता अगर शोधकर्ता चोरी की कई दस्तावेज़ प्रस्तुत करे। अगर आप UGC संबद्ध विश्वविद्यालय में इसके लिए आवेदन डाल रहे है तो सही प्रतिरूप जानना बहुत ही ज़रूरी है। अगर आपने हिंदी में।विषय चुने है तो Plagiarism Checker for Hindi सही विकल्प है जिसका उपयोग करके अपने लेख को सर्वप्रिय बना सकते हैं। इंटरनेट पर श्रेष्ठ साहित्य चोरी को पकड़ने के लिए सॉफ़्टवेयर को चुनें। वह आपको सटीक परिणाम दिखाकर आपको सूचित करेगा ताकि आप अपने लेखन में महत्वपूर्ण बदलाव कर सके।

भारत में ही कई तरह के ऑनलाइन व ऑफ़लाइन सॉफ़्टवेयर उपलब्ध है। आप घबराएँ नही इसीलिए हम आपको सही गाइड करेंगे कि कौन सा सॉफ़्टवेयर ज़्यादा कौशल है और आप किस पर भरोसा कर सकते हैं।

महत्त्वपूर्ण है कि आप भारत में बना हुआ सॉफ़्टवेयर को ही चुनें। वह हिन्दी भाषा को सटीक तरीक़े से पकड़ सकता है और ज़्यादा बेहतर परिणाम दिखाएगा।

ऐसे तो कई साहित्यिक चोरी को पकड़ने के लिए सॉफ़्टवेयर उपलब्ध है लेकिन Anti Plagiarism Software for Researchers आपके लिए बेहतर सॉफ़्टवेयर साबित होगा। यह आपके कार्य के अनुसार काम करेगा और UGC के नियमों के तहत आप सही रिपोर्ट प्रस्तुत करवा सकते हैं।

आप नि:शुल्क सॉफ़्टवेयर का भी उपयोग कर सकते हैं। इंटरनेट में कई सॉफ़्टवेयर है जो नि शुल्क सुविधा उपलब्ध कराते हैं आप अपने कार्य के हिसाब से अपने लिए सही विकल्प चुन सकते हैं।

    UGC में Plagiarism Checker की महत्वता

    पीएचडी थीसिस में साहित्यिक चोरी की घटना छात्रों को महँगी पड़ सकती है, ऐसे में उनका पंजीकरण निलंबित कर दिया जा सकता है। नई नीति के अनुसार केवल 10% समानता की अनुमति है। इसके अलावा 60 प्रतिशत से अधिक साहित्यिक चोरी की समानता वाले साहित्य सामग्री के लिए छात्रों को किसी भी नए मास्टर एम:फ़िल व अन्य शिक्षा से तीन साल के लिए वंचित कर दिया जाता है।

    इसी कारण Plagiarism Checker in Hindi का उपयोग करना आवश्यक है। छात्र, अध्यापक एवं शोधकर्ताओं को साहित्यिक चोरी के सॉफ़्टवेयर की विशेषता बताई जाती है। और, उम्मीद की जाती है कि वह विश्वसनीय सामग्री प्रदान करें लेकिन, इंटरनेट में बड़ी मात्रा में सभी जानकारी उपलब्ध होने के कारण साहित्यिक चोरी की घटना एक आम बात हो गई है इसलिए शोधकर्ताओं से अनुरोध किया जाता है कि वह कार्य को साहित्यिक चोरी के सॉफ़्टवेयर पर जाँच करने के बाद ही प्रस्तुत करें।

    साहित्यिक चोरी सॉफ़्टवेयर कैसे काम करता है?

    जैसे की आप जानते है इंटरनेट में सभी जानकारी आसानी से उपलब्ध है यह सॉफ़्टवेयर ऑनलाइन सभी दस्तावेजों को स्कैन कर उसमें समानता खोजता है। सॉफ्टवेयर एक निबंध या असाइनमेंट से अक्षरों को निकालने और यह जाँचने का काम करता है कि क्या यह अन्य स्रोतों से मेल खाता है या नहीं। जैसे कि ऑनलाइन उपलब्ध दस्तावेज़। अगर समानता पाई जाती है तो वह उसे लाल रंग से भर देता है जिससे शोधकर्ता बाद में परिवर्तन करके अपनी गलती सुधार कर एक सटीक रिपोर्ट पेश कर सकते हैं।